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Showing posts from September, 2023

Where is ashwatthama after mahabharat | महाभारत के बाद अश्वत्थामा कहां हैं?

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In the Mahabharata, Ashwatthama's fate after the war is mentioned briefly. After being cursed with immortality and eternal suffering by Lord Krishna and the Pandavas for his heinous actions during and after the Kurukshetra war, Ashwatthama's whereabouts become somewhat of a mystery. The epic does not provide extensive details about his post-war life and activities. However, there are some later texts and traditions that offer varying accounts of what happened to Ashwatthama after the Mahabharata war: महाभारत में युद्ध के बाद अश्वत्थामा के भाग्य का संक्षेप में उल्लेख किया गया है। कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान और उसके बाद अपने जघन्य कार्यों के लिए भगवान कृष्ण और पांडवों द्वारा अमरता और शाश्वत पीड़ा का श्राप दिए जाने के बाद, अश्वत्थामा का ठिकाना कुछ हद तक एक रहस्य बन गया है। महाकाव्य उनके युद्धोत्तर जीवन और गतिविधियों के बारे में विस्तृत विवरण प्रदान नहीं करता है। हालाँकि, कुछ बाद के ग्रंथ और परंपराएँ हैं जो महाभारत युद्ध के बाद अश्वत्थामा के साथ क्या हुआ, इसके अलग-अलग विवरण प्रस्तुत...

Yudhishthira's Moral Dilemma after war | युद्ध के बाद युधिष्ठिर की नैतिक दुविधा |

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 Yudhishthira's moral dilemma after the Kurukshetra war is a central theme in the Mahabharata and is often referred to as his "existential crisis" or "post-war guilt." Yudhishthira, the eldest of the Pandava brothers, had won the war and reclaimed his kingdom, but he was deeply troubled by the moral implications of the war and the immense loss of life it had caused. Here's a closer look at Yudhishthira's moral dilemma: कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद युधिष्ठिर की नैतिक दुविधा महाभारत में एक केंद्रीय विषय है और इसे अक्सर उनके "अस्तित्व संकट" या "युद्ध के बाद अपराध" के रूप में जाना जाता है। पांडव भाइयों में सबसे बड़े युधिष्ठिर ने युद्ध जीत लिया था और अपना राज्य पुनः प्राप्त कर लिया था, लेकिन वह युद्ध के नैतिक प्रभावों और इससे हुई जानमाल की भारी हानि से बहुत परेशान थे। यहाँ युधिष्ठिर की नैतिक दुविधा पर एक नज़दीकी नज़र डाली गई है: The Great War's Devastation: Yudhishthira was crowned as the king of Hastinapura after the war, but he was haunt...

Krishna's Role in the Mahabharata | महाभारत में कृष्ण की भूमिका

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 Lord Krishna's role in the Mahabharata is pivotal and multifaceted. His guidance and actions played a critical role in the outcome of the epic war. Here are the details of Krishna's role in the Mahabharata: Diplomacy and Mediation: Krishna attempted to prevent the war through diplomatic means. He acted as a peace envoy, visiting the Kaurava court on behalf of the Pandavas to negotiate for a peaceful resolution. However, his efforts were in vain as Duryodhana refused to concede even a small piece of land to the Pandavas. महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका महत्वपूर्ण और बहुआयामी है। उनके मार्गदर्शन और कार्यों ने महाकाव्य युद्ध के परिणाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां महाभारत में कृष्ण की भूमिका का विवरण दिया गया है: कूटनीति और मध्यस्थता: कृष्ण ने कूटनीतिक तरीकों से युद्ध रोकने का प्रयास किया। उन्होंने एक शांति दूत के रूप में काम किया और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करने के लिए पांडवों की ओर से कौरव दरबार का दौरा किया। हालाँकि, उनके प्रयास व्यर्थ थे क्योंकि दुर्योधन ने पांडव...

Lord Krishana Raas Leela | भगवान कृष्ण रास लीला

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The Raas Leela is a famous episode from Hindu mythology that is associated with Lord Krishna, particularly during his time in the region of Vrindavan. It is a divine and mystical dance performed by Lord Krishna with the Gopis (cowherd girls) of Vrindavan on the banks of the Yamuna River. This divine dance is often seen as a symbol of the profound love and devotion that can exist between an individual soul (the Gopis) and the Supreme Being (Lord Krishna). रास लीला हिंदू पौराणिक कथाओं का एक प्रसिद्ध प्रसंग है जो भगवान कृष्ण से जुड़ा है, खासकर उनके वृंदावन क्षेत्र के दौरान। यह भगवान कृष्ण द्वारा वृन्दावन की गोपियों (ग्वालों) के साथ यमुना नदी के तट पर किया गया एक दिव्य और रहस्यमय नृत्य है। इस दिव्य नृत्य को अक्सर उस गहन प्रेम और भक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है जो एक व्यक्तिगत आत्मा (गोपियों) और सर्वोच्च प्राणी (भगवान कृष्ण) के बीच मौजूद हो सकता है।   Here is a detailed account of the Raas Leela: यहां रास लीला का विस्तृत विवरण दिया गया है: Setting : The Raas Leela is said to hav...

Lord Krishana Birth and Childhood | भगवान कृष्ण का जन्म और बचपन

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  The birth and childhood of Lord Krishna are among the most beloved and celebrated aspects of his life in Hindu mythology. Here is a closer look at this significant phase of Lord Krishna's life: भगवान कृष्ण का जन्म और बचपन हिंदू पौराणिक कथाओं में उनके जीवन के सबसे प्रिय और प्रसिद्ध पहलुओं में से एक हैं। यहां भगवान कृष्ण के जीवन के इस महत्वपूर्ण चरण पर करीब से नजर डाली गई है: Birth of Lord Krishna : Krishna was born in the city of Mathura, which was ruled by King Kansa. He was born to King Vasudeva and Queen Devaki. However, this birth was no ordinary event; it was surrounded by divine and miraculous circumstances. भगवान कृष्ण का जन्म: कृष्ण का जन्म मथुरा शहर में हुआ था, जिस पर राजा कंस का शासन था। उनका जन्म राजा वासुदेव और रानी देवकी से हुआ था। हालाँकि, यह जन्म कोई सामान्य घटना नहीं थी; यह दिव्य एवं चमत्कारी परिस्थितियों से घिरा हुआ था। Divine Intervention : Devaki was the sister of King Kamsa, who was known for his tyranny and cruelty. It was prophesied that the eighth child of ...

The Life and Legends of Lord Krishna | भगवान कृष्ण का जीवन और किंवदंतियाँ

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The life and legends of Lord Krishna are an integral part of Hindu mythology and have been passed down through various ancient texts and oral traditions. Lord Krishna, considered one of the most revered deities in Hinduism, is believed to be the eighth incarnation (avatar) of Lord Vishnu, the preserver of the universe. His life is filled with fascinating stories, teachings, and divine exploits. Here's an overview of the life and legends of Lord Krishna: भगवान कृष्ण का जीवन और किंवदंतियाँ हिंदू पौराणिक कथाओं का एक अभिन्न अंग हैं और विभिन्न प्राचीन ग्रंथों और मौखिक परंपराओं के माध्यम से प्रसारित की गई हैं। हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक माने जाने वाले भगवान कृष्ण, ब्रह्मांड के संरक्षक, भगवान विष्णु के आठवें अवतार (अवतार) माने जाते हैं। उनका जीवन आकर्षक कहानियों, शिक्षाओं और दैवीय कारनामों से भरा है। यहां भगवान कृष्ण के जीवन और किंवदंतियों का अवलोकन दिया गया है: Birth and Childhood : Krishna was born in Mathura to King Vasudeva and Queen Devaki. His birth was extrao...

Radha or Krishna | राधा या कृष्ण

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Radha and Krishna is one of the most celebrated and revered aspects of Hindu mythology and folklore. Radha is considered to be Lord Krishna's divine consort and eternal love. Their love story is not just a romantic tale but holds deep spiritual and philosophical significance in Hinduism, particularly in the Bhakti (devotion) tradition. Here are some key aspects of Radha and Krishna's love: राधा और कृष्ण हिंदू पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के सबसे प्रसिद्ध और श्रद्धेय पहलुओं में से एक हैं। राधा को भगवान कृष्ण की दिव्य पत्नी और शाश्वत प्रेम माना जाता है। उनकी प्रेम कहानी सिर्फ एक रोमांटिक कहानी नहीं है बल्कि हिंदू धर्म में, खासकर भक्ति परंपरा में गहरा आध्यात्मिक और दार्शनिक महत्व रखती है। यहां राधा और कृष्ण के प्रेम के कुछ प्रमुख पहलू हैं: Divine Love: The love between Radha and Krishna is often described as divine and transcendental. It goes beyond the physical realm and represents the soul's longing for union with the divine. Their love symbolizes the eternal bond between the i...